ये ही है ज़िंदगी...




सुबह का वक़्त बेहद ख़ास होता है, क्यूंकि हर आने वाले दिन के साथ कई उम्मीदें भी जाग जाती हैं।
हर नये दिन के साथ नई ताजगी और नए सपने भी दस्तक देने लगते हैं और विश्वास भी,
की ये  ज़िंदग़ी और ताज़ा हो जाएगी।

मदद करना सीखिये
फायदे के बगैर.

मिलना जुलना सीखिये
मतलब के बगैर.

जिन्दगी जीना सीखिये
दिखावे के बगैर.

अंधेरा वहां नहीं है, जहां तन गरीब है !
अंधेरा वहां है, जहां मन गरीब है..!!